pravakta.com
होली के हुड़दंग में, छिपा वैज्ञानिक रंग
होली के हुड़दंग में, छिपा वैज्ञानिक रंग संजय सक्सेना,लखनऊ कैसो है देश निगोड़ा, सबजन होली या ब्रज होरा। मैं जमुना जल भरन जात ही देख रूप मेरा गोरा, मोते कहे चलो कुन्जन में, तनक तनक से छोरा परे। आंखिन में डोरा, कैसा ये देश निगोड़ा। होली की खुमारी वसंत पंचमी…