कोरोना पर माननीय मोदी जी के विचार

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करे सम्मान हम उन सबका,जो हमारी सेवा करते है |
अपनी जान जोखिम में डालकर, कोरोना से लड़ते है ||

रहकर घर में बन्द ही, कोरोना से हम लड़ सकते है |
अंत में हमारी विजय होगी,कोरोना को हरा सकते है ||

नहीं बनी कोई औषधि अभी,कोरोना के इलाज़ की |
घर से बाहर न निकलना, यही दवाई है इलाज़ की ||

किसी के कहे न दवा ले, न खुद करो अपना उपचार |
अपने डॉक्टर से सलाह लीजिये,यही अच्छा उपचार ||

कोरोना एक ऐसा रोग है,यह देखे न राजा रंक फकीर |
इसकी चपेट सब आ जात है,चाहे कितना हो बलबीर ||

भूखे को भोजन खिलाईये,यही है नौ देवियों का आदेश |
कोरोना जल्द ही मिट जाएगा,रहेगा न इसका अवशेष ||

साईं इतना दीजिये,जाय में कुटुम्ब समाय |
मै भी भूखा न रहूँ, साधू भी भूखा न जाय ||

नहीं कोरोना कभी देखता,अमीर गरीब और जात पात |
चपेट लेता है ये सबको,देखता नहीं किसी की औकात ||

चला था युद्ध 18 दिन तक,महाभारत का कुरुक्षेत्र मैदान में |
कोरोना का युद्ध 21 दिन में जीतिये अगर डटे रहे मैदान में ||

कोरोना कोरोना सब कह रहे , करुणा करे न कोय |
जो एक बार करुणा करे,फिर कोरोना काहे को होय ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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