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आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान ।। - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
खिली-खिली हो जिंदगी, महक उठे अरमान । आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान ।। ●●● दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएं हो दूर । कोई भी न हो कहीं, रोने को मजबूर ।। ●●● छेड़ रही है प्यार की, मीठी-मीठी तान । नए साल के पँख पर, खुशबू…