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कैसे अटल जी,तुमको हम विदा करे - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
दिल में है गम,आँखों में है आँसू भरे कैसे अटल जी,तुमको हम विदा करे तुम एक महान कवि और वक्ता भी थे तुम्हारे भाषणों को सब ध्यान से सुनते थे वो आवाज कहाँ लुप्त हो गई,कहाँ खो गई चौरानवे वर्ष की हो गई थी वह कहाँ सो गई तुम्हारे शब्दों…