कब तक शहादत देते रहेगे हम,अपने वीर जवानो की

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कब तक शहादत देते रहेंगे हम अपने वीर जवानो की
उठो जवानो अब देर करो मत,कसम तुम्हे अपनी जवानी की
काट लाओ धड सहित सर अब उन आंतकवादियों शैतानो की
सबक सिखा तो अब उनको तुम,उनके किये हुये कारनामो की

कब तक भारत माँ अपने सपूतो का शीश चढाती जायेगी
कब तक दुल्हने अपनी मांग का सिन्दूर पुछ्वाती जायेगी
कब तक बहने अपने रक्षा सूत्र को निछावर करती जायेगी
कब तक बूढ़े मात-पिता की बुढापे की लाठी छीनी जायेगी
उठो जवानो बदला लो अब भारत के सपूतो की कुर्बानी की
कब तक शहादत देते रहेगे हम,अपने वीर जवानो की
काट लाओ धड सहित सर अब,आंतकवादियों शैतानो की 

बंद करो अब ये सीज फायर,ये पाक नहीं अब समझेगा
गोली की भाषा को वह अब गोली से ही समझेगा
भेज रहा है सीमा पार से आंतकवादी वह अब यहाँ
केवल उसका एक ही मकसद,दहशतगर्दी फैलाये यहाँ
क्यों छिप कर वार करता है तू आजा मैदाने जंग यहाँ
अबकी बार युद्ध पुलवामा में न होगा,लाहौर में होगा वहां
छिप कर युद्ध करती है,तेरी नामर्द फ़ौज जवानो की
कब तक शहादत देते रहेगे हम,अपने वीर जवानो की ….

पिछली बार लाहौर लिया था,अबकी बार रावलपिंडी लेंगे हम
अबकी बार कुछ वापिस नहीं देगे,चाहे यू एन ओ जाओ तुम
सिर से पानी निकल चूका है,और न अजमाओ हमको तुम
शराफत की भी हद होती है,और न लान्घो सीमा अब तुम
अब और बर्दास्त नहीं करेगे,कसम खाते है शहीद जवानो की
कब तक शहादत देते रहेगे हम,अपने वीर जवानो की
उठो जवानो अब देर करो मत,कसम तुम्हे अपनी जवानी की ….

हाफिज जैसे आंतकवादियों को कब्रो में अब दफनाना है
जहर उगलते है जो भारत के खिलाफ,उनको भी दफनाना है
दे रहे है जो गीदड़ भवकी,उनको भी मौत की नींद सुलाना है
कश्मीर की बात छोड़ दे अब,पूरे पाकिस्तान को हथियाना है
उठो जवानो अब मत चूको अब बारी आ गई है शैतानो की
कब तक शहादत देते रहेगे हम,अपने वीर जवानो की
काट लाओ धड सहित सर अब,आंतकवादियों शैतानो की

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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