pravakta.com
आदमी कितना नादान है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आदमी स्वयं ही बुरा है,दूसरो को बुरा बताता है।वह अपने स्वार्थ के लिए,दूसरो को खूब सताता है।। आदमी कितना नादान है,मंदिर में शंख घंटा बजाता है।सोया हुआ वह स्वयं है,भगवान को जाकर जगाता है।। आदमी स्वयं कितना भूखा है,रोज भगवान से मांगने जाता है।स्वयं को माया की भूख लगी है,भगवान…