आपके लिए सोना धारण करना/पहनना कितना लाभकारी या नुकसानकारी होगा

goldआइये आज सबसे पहले हम जानते है की सोना पहनना कितना शुभ है ।

वे जातक जिन्हें विवाह के अनेक वर्षों पश्चात् भी यदि संतान नहीं हो रही है तो उसे अनामिका ऊंगली में सोने की अंगूठी पहनने से लाभ होता है। एकाग्रता बढ़ाने के लिए तर्जनी यानि इंडैक्‍स फिंगर में सोने की अंगूठी पहनने से आपको फायदा होगा।

घर में सोना रखना है तो उसे ईशान या नैऋत्‍य कोण में ही रखें और ध्‍यान रहे इसे हमेशा लाल कपड़े में बांधकर ही रखें।
यदि किसी व्‍यक्‍ति को सम्‍मान या राजकीय अधिकारियों से सहयोग प्राप्‍त करना है तो उसे सोना अवश्‍य धारण करना चाहिए।

दांपत्‍य अथवा वैवाहिक जीवन में खुशियां लाने के लिए गले में सोने की चेन पहनें।

सोना ऊर्जा और गर्मी दोनों ही पैदा करता है | साथ ही, ये विष के प्रभाव को दूर भी करता है | अगर सर्दी जुकाम या साँस की बीमारी हो तो रिंग फिंगर में सोना पहने |

जिन माँ के बच्चे उनकी बाते नही मानते उन्हें भी सोना पहनने से बच्चे उनकी बात सुनने लगते है ।

पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि आपको लगता है की आपका बेटा, बेटी अपने रास्ते से भटक रहे है तो उन्हें सोना पहनाना शुभ होगा ।

यदि आप दुबले हो और वजन सभी उपाय करने के बाद नही बढ़ पा रहा तो सोना पहनना आपके वजन को बढ़ा सकता है ।

जो लोग अनुशासनहीन है उन्हें सोना पहनना चाहिये ।

गुरुजन याने टीचर को अपना व्यक्तित्व बढ़ाने के लिये सोना पहनना शुभकारी होगा ।

सोने की बालियां या झुमके न पहनने से स्त्रियों में स्त्री रोग, कान के रोग, डिप्रेशन में होता है। उनमे हीन भावना घर कर चुकी होती है।

हाथ में सोने या चांदी का कड़ा धारण न करने पर इससे जातकों के हाथ-पैरों में दर्द रहता है। यदि कोई जातक मानसिक रोगी होता है उसमे निर्णेय लेने की ताक़त बहुत कम होती है

जो जातक हमेशा सोने या तांबे की धातु धारण नहीं करते, उन्हें समय पर यश, मान-सम्मान नहीं मिलता या ह्रदय संबंधी रोग होते हैं ।

तो आज आप इस प्रकार आप जान गए की सोना पहनना आपके लिये कितना शुभ होता है
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जानिये सोना (धारण/पहनना)आपके जीवन मै कब क्यों और कैसे अशुभ होता है ??

जो लोग लोहे का, कोयले का या शनि संबंधित किसी धातु का व्यापार करते हों, उनको भी सोना धारण नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

जो लोग मोटापे से परेशान है उन्हें सोना नही पहनना चाहिये ।

गर्भवती और वृद्ध महिलाओं को सोना धारण नहीं करना चाहिए। थोड़ा बहुत सोना पहन सकते हैं, लेकिन ज्यादा सोना पहनने से समस्याएं शुरू हो सकती हैं।

जिन्हें बेहद क्रोध आता हो, उन्हें भी सोना धारण नहीं करना चाहिए।

यदि आपकी आदते खराब है याने आप तम्बाकू, शराब,नशे की वस्तु का उपयोग करते है तो सोना नही धारण करे ।

पैरों में सोने की बिछियां या पायल नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही पवित्र धातु है। यह बृहस्पति की धातु है। पैरों में पहनने से दांपत्य जीवन में परेशानी आती है।
कमर में सोना धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है। पेट संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है। गर्भाशय, यूट्रस आदि संबंधी समस्याएं भी हो सकती है।

सिर और पांव दोनों में स्वर्णाभूषण पहनने से मस्तिष्क और पैरों में समान गर्म ऊर्जा प्रवाहित होगी, जिससे जातक रोगग्रस्त हो सकता है।

जानिए ज्योतिष और सोने का सम्बन्ध—
ज्योतिष अनुसार सोना बृहस्पति याने गुरु ग्रह को अधिक प्रभावित करती है ।
पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि आपका लग्न मेष, कर्क, सिंह और धनु है तो आपके लिए सोना धारण करना उत्तम होगा। वृश्‍चिक और मीन लग्न के लोगों के लिए मध्यम और वृषभ, मिथुन, कन्या और कुंभ लग्न के लिए उत्तम नहीं होता है। तुला और मकर लग्न के लोगों को सोना कम से कम पहनना चाहिए। जहां और जब जरूरत हो तब ही पहनना चाहिए।

प्रिय पाठकों/मित्रों, सोना नकारात्मक असर भी देता है, जब तुला, मकर लग्न वाले पहनते है, इन लग्न वाले सोना पहनने से कर्ज और बीमारी के चक्कर मे फंस जाते है।

कुंडली मे जब गुरु राहू की स्थिति खराब हो तो ये देख कर ही सोना धारण करावे की गुरु किस राशि का स्वामी है, कभी कभी राहु भी जीवन मे सकारात्मक प्रभाव देता है, ऐसी स्थिति मे गुरु याने सोना पहनाना उचित नही होगा । जैसे एक नेता याने राजनितिक व्यक्ति को राहू की ज्यादा जरूरत होती है ।

जब सन्तान आपकी बात नही सुन रही तो दूध उबालते समय उसमे सोने का कोई तार डालकर उबाले,जल्दी शुभ असर होगा ।

जिन लोगो को बार बार पीलिया होता है, उनका गुरु ग्रह खराब होता है, ऐसे लोग सोच समझकर सोना धारण करे ।

सोना मिलना और गुमना दोनों अशुभ होता है । इस बारे मै फिर कभी चर्चा करेंगें।

       जानिए कुछ वास्तु टिप्स
अक्सर लोग सोना तिजोरी में, अलमारी में या लॉकर में रखते हैं। सोना जहां भी रखे उसे लाल कपड़े में बांधकर रखे। इससे बृहस्पति को मंगल की सहायता मिलने लगेगी और आपकी समृद्धि बढ़ती जाएगी। सोना घर के ईशान या नैऋत्य कोण में रखेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा।सोने के साथ नकली आभूषण या लौहा न रखें। कुछ लोग सिक्के रख देते हैं तो यह भी उचित नहीं। ऐसा करने से बृहस्पति अशुभ होकर अपना शुभ प्रभाव देना छोड़ देता है।

सोने को सोते वक्त सिरहाने न रखें। बहुत से लोग अपनी अंगुठी या चैन निकालकर तकिये के नीचे रख देते हैं। इससे नींद संबंधी समस्या तो होगी ही साथ अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
शुभम भवतु।।
कल्याण हो।।

2 COMMENTS

  1. श्री प्राप्ति के लिए शास्त्र एवं परम्पराओं के अनुकुल आचरण करना आवश्यक है। आर्यावर्त (जम्बुद्धीप) या कहे आज का दक्षिण एसिया इसलिए कंगाल है क्यो कि हम शास्त्रों के निर्देशो का पालन नही कर रहे है। हमारे यहाँ अमीर भी कंगाल जैसा हीं है। अगर हम सामुहिक रुप से शास्त्रो के निर्देशों के अनुकुल आचरण करें तो कोई कारण नही की हमारा देश समृद्ध एवं सुखी नही बन सकता। शास्त्रों में यह बात बहुत स्पष्ट रुप से कही गई है कि स्वर्ण मे कलि का वास होता है। कलि दुषित है एवं सत्य के विपरीत भी है। अतः अपने पास स्वर्ण रखना शास्त्र के प्रतिकुल है।

    हिरण्यकश्यप का अर्थ सोने का राक्षस होता है। अगर कोई व्यक्ति अपने पास एक रती भी सोना रखता है तो उसे गो-हत्या के आघे का पाप चढता है। अगर आप व्यक्तिगत एवं राष्ट्रिय समृद्धि चाहते है तो अविलम्ब अपने पास रखे स्वर्ण एवं उससे बने आभुषण आदि बेच डाले। बेच कर प्राप्त होने बाले धन का निवेश रोजगार, उद्योग, शेयर अथवा स्वदेशी बैंक में करें। यही मुक्ति का मार्ग है यही स्वराज्य का रास्ता भी .

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