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संस्मरण-२ : मानवता अभी मरी नहीं है / विपिन किशोर सिन्हा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
एक दिन बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। कुछ राहत सामग्री उन्हें दी गई। बचे लोगों को गांव के स्कूल में रखा गया। एक सप्ताह भी नहीं बीता होगा, इस घटना के, कि शहर से एक पढ़ी-लिखी महिला पीड़ितों से मिलने आई। उसकी दृष्टि आशा पर पड़ी। उसने बड़े प्रेम से…