पति पत्नि की नोक झोंक

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क्या बताऊं मैं तुमको दोस्तो,
मेरी पत्नि क्या-क्या करती है।
सुबह सुबह रामायण पढ़ती है,
सारे दिन महाभारत करती है।।

जब उससे तू-तू, मैं-मै होती है,
या उससे मेरी हाथापाई होती है।
सारे घर के दरवाजे बंद करके,
वह बेलन से मेरी खबर लेती है।।

व्यस्त रहती है वह मोबाइल पर,
जरा भी उसे फुर्सत न मिलती है।
संगीत की वह बहुत शौकीन है,
सुने बिना उसे चैन न मिलती है।।

करती रहती है बाते रिश्तेदारो से,
उसकी बाते कभी न खत्म होती है।
जब तक दो घंटे बात न कर ले वह,
उसकी रोटी कभी हज्म न होती है।।

जब से हुआ मैं रिटायर बैंक से,
वह चैन मुझे नहीं लेने देती है।
एक काम खत्म होने से पहले,
वह दूसरा काम मुझे दे देती है।।

चल रहा है कोरोना काल अब,
घर से बाहर नहीं जा सकता हूं।
पड़ा रहता हूं सारे दिन घर पर,
किसी से बात नहीं कर सकता हूं।

चलती रहती है जो नोक झोंक,
उसे ही सच्चा प्यार कहते है।
जो रह नही सकते इसके बिना,
उसे ही हम पति पत्नि कहते है।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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