pravakta.com
मैने फूलदान सजाया - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
उपवन मे जो पुष्प खिले थे, पवन सुगंधित कर देते थे, सुमन सुन्दर अति मनोहारी, कुसुम यही शोभा बगिया के। इन्हें तोड़ डाली से काँटे काटे, फिर एक प्यारा सा गुलदस्ता रत्न जटित एक फूलदान मे, उन्हें संवारा और सजाया। मैने अपना कक्ष सजाया, तन मन मेरा अति…