1. मैने खुद सा दुनिया मे बेवफा नही देखा
मैने खुद सा दुनिया मे बेवफा नही देखा
फिर भी उस के होठो पर कुछ गिला नही देखा
चॉद चख्रर्र से आकर कह गया है कानो मै
लाख चेहरे देखे हे आप सा नही देखा
आओ मेरी ऑखो मे देख कर सॅवर जाओ
आज लग रहा तुमने आईना नही देखा
एक चॉद बदली मै एक रु ब रु मेरे
ऐसी रात का मन्जर दिलरुबा नही देखा
सिर्फ उस की ऑखो से मयकशी का आदी हॅू
मैने आज तक लोगो मयकदा नही देखा
उस की मेरी उल्फत भी एतकाफ जैसी है
आज तक किसी ने भी नक्श ऐ पा नही देखा
जिसने प्यार मे ‘शादाब’ जिन्दगी गुजारी हो
मेने आज तक ऐसा दिलजला नही देखा
2 ऐसे कपडो का अब तो चलन हो गया
ऐसे कपडो का अब तो चलन हो गया
अब ना सीता मिलेगी ना राधा यहा
थोडा थोडा सा पेरिस वतन हो गया
कैसे बच्चे शराफत से पालूगा मै
गुण्डा गर्दी का अब तो चलन हो गया
रो के सो जाये मॉ बाप भूखे मेरे
मै तो बच्चो मो अपने मगन हो गया
घर मेो बेटी सियानी मेरे हो गई
सोच कर बू मेरा बदन हो गया
बेच कर मैने इमा तरक्की तो की
मेरी नजरो में मेरा पतन हो गया
लोग ‘शादाब॔ होगे कहा से भला
जान सस्ती हे महंगा कफन हो गया
3. कहूगा रात को सुबहा गजल सूना दूगां
कहूगा रात को सुबहा गजल सूना दूगां
मै दिल का हाल उसे इस तरहा बता दूगां
सुकून दिन को मिलेगा ना रात मै उस को
मै दिल चुराने की ऐसी उसे सजा दूगां
मिसाल देगा जमाना मेरी मोहब्बत की
मै अपने प्यार को वो मर्तबा दिला दूगां
नजर बचा के जमाने से तुम चली आना
मै कर के याद तुम्हे हिचकिया दिला दूगां
वो मेरे सामने आयेगी जब दुल्हन बनकर
नजर का टीका उसे चूम कर लगा दूगां
वो मुझ को देख के “शादाब’’ मुस्कुरा देगे
मै उस को देख के एक कहकहा लगा दूगां