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'मन करता है नामवर सिंह की खूब प्रशंसा करूँ, विवेक कहता है आलोचना करूँ' - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जगदीश्‍वर चतुर्वेदी नामवर सिंह पर लिखना बेहद असुविधाएं पैदा करता है। मन करता है उनकी खूब प्रशंसा करूँ , विवेक कहता है आलोचना करूँ। आलोचना को विवेक संचालित करता है। लेकिन नामवर सिंह के लेखन में विवेक के साथ भावुकता का भी विशेष योगदान रहा है। वे जब भी बोलते…