मैं भूल गया हॅू अलमारी में बंद किताबों को, जो आज भी मेरा इंतजार करती है ! - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
मैं बचपन से ही किताबों सेबहुत प्रेम करता हूं,पहले लोटपोट, मधु मुस्कान, नंदनगुड़िया जैसी किताबों का चस्का लगा थाधीरे धीरे सरिता,कादम्बिनी, मायानिरोगधाम जैसी पत्रिकाओं का शौकमुझे सातवें आसमान पर पहुंचा देता था।किताबें पढने के जुनून ने 10 साल की उम्र में ही मुझेबसस्टेण्ड पर लाकर खडा कर दियाजहॉ ब्रजकिशोर मालवीय और संजीव डेहरी मालवीय के बुकस्टाल…