देखा नहीं अभी तक तुमको 

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देखा नहीं अभी तक तुमको
पर रोज तुमको याद करते
तुम में क्या कशिश है
जो रोज तुमको याद करते

देखा नहीं हाथ अभी तुम्हारा
पर उसकी रेखा हम पढ़ लेते
स्पर्श नहीं किया बदन को
पर उसकी सुगंध सूंघ लेते

है कोई पूर्व जन्म का बंधन
जो हम रोज ऐसा करते
ये है दो दिलो का बंधन
जो बिना तारो के जुडा करते

दो धन्यवाद whatsup को
जो चेट हम तुम कर लेते
बिन जवान के खोले ही
यो दिल के बात कर लेते

जब बरसात है आती
क्यों बादल हमे सताते ?
ये प्यास का है सम्बन्ध
जो दो दिलो की प्यास बुझाते

क्यों दो दिल है धडकते ?
वे आपस में क्या कहते ?
ये दो धडकनों का सम्बन्ध
जो आपस में बात करते

ये कौन सी है मंजिल ?
जिस पर हम है चलते ?
ये है प्यार की मंजिल
जिस पर हमेशा चलते

तुम इतनी दूर भी रहकर
मेरे पास क्यों तुम रहते ?
ये अपने दिल से ही पूछो
ऐसा एहसास तुम क्यों करते

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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