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सच्ची बात कही थी मैंने... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
लोकेन्‍द्र सिंह राजपूत उस दिन ग्वालियर की गुलाबी ठंडी शाम थी। वाकया नवंबर २००४ का है। मौका था रूपसिंह स्टेडियम में आयोजित 'जगजीत नाइट' का। कार्यक्रम में काफी भीड़ पहुंची थी। मैंने 'भीड़' इसलिए लिखा है क्योंकि वे सब गजल रसिक नहीं थे। यह भीड़ गजल के ध्रुवतारे जगजीत सिंह…