मेरे ख्यालो में आते हो तुम

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मेरे ख्यालो में आते हो तुम
मेरे ख्वाबो में आते हो तुम
वो कौन सी जगह है नहीं
जहा आते नहीं हो तुम

मेरे दिल में बसे हो तुम
मेरे प्राणों में बसे हो तुम
वो कौन सा अंग है नहीं
जहा बसे नहीं हो तुम

हर बात है जहन में उनकी 
हर रात है नयन में उनकी
हर सांस में अब नाम उनका
हर बात में अब जिक्र उनका

न जागती हूँ मै न सोती हूँ मै
न हंसती हूँ मै न रोती हूँ मै
बौराई सी फिरती रहती हूँ मै
चारो तरफ उनकी याद में मै

रातो में उठकर रोती हूँ मै
चुप कराता है न अब कोई
किस तरह बैचेन रहती हूँ मै
यह जानता नहीं अब कोई

सीने में जज्बात है अब
आँखों में बरसात है अब
बारिश का मौसम है अब
न जाने मुलाक़ात होगी कब

न दिन कटता है न रात कटती
हर समय ये आँखे उन्हें तकती
इस जिन्दगी को काटू कैसे अब
ये काटे से अब  ये नहीं कटती

पता नहीं वे कौन से राज है
जो नहीं है अब मेरे पास है
भले ही वे मुझे छोड़ गये
उनकी यादें तो मेरे पास है

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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