आदर्श और पार्टी विचारधारा की प्रतिमूर्ति संजय जोशी

आज मैं आपको ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहा हूं जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की विचारधारा को अपनाने वाला तथा विवेकानंद और अटल बिहारी वाजपेई जी के आदर्शों पर चलने वाला जिसका नाम है संजय विनायक जोशी | जो अपने आदर्शों तथा पार्टी की विचारधारा की प्रतिमूर्ति बना हुआ है, जो अपने कार्यकर्ताओं को उपदेश देने की जगह कार्यकर्ताओं के अंतर्मन की आवाज सुनना ज्यादा पसंद करता है | जो बोलने में कम और कार्य करने में विश्वास रखता है | जो अपनी कार्यशैली के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं को संदेश देता है | आज के समय में हर नेता अपनी कुर्सी और सत्ता के लालच में अपने आदर्शों और पार्टी की विचारधारा से समझौता करने में लगा है, लेकिन बात करें संजय जोशी की जो कई वर्षों से संघर्ष कर रहा है लेकिन अपने आदर्शों एवं पार्टी की विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया | कल भी विचारधारा पर अडिग था, आज भी अडिग है और आगे भी अडिग रहेगा | आज पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात छोड़ो अन्य दलों के नेता भी श्री संजय जोशी का बड़े आदर सम्मान के साथ नाम लिया करते हैं उनके आदर्शों की और उनकी विचारधारा की प्रसंसा करते है | बात करें संजय जोशी की कार्यशैली की तो उनकी कार्य करने की शैली बड़ी ही आसान है वह बड़ी आसानी से कार्यकर्ताओं को प्राप्त हो जाते हैं | पार्टी का कार्यकर्ता अपने मन की बात उनको बताने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करता | पार्टी की समस्या के बारे में तो बताता ही है साथ-साथ वह अपने घर के आंतरिक समस्याओं के समाधान प्राप्ति के लिए भी संजय जोशी के पास आता है | संजय जोशी किसी दुःख तकलीफ में क्यों न हो लेकिन वह अपने कार्यकर्ता के सामने कभी दुःख भरा चेहरा प्रकट होने नहीं देते तथा इस प्रकार प्रसन्न मुद्रा के साथ कार्यकर्ताओं से बात करते है ताकि कार्यकर्ताओं का मन बना रहे और अपने कार्यकर्ता का मनोबल ना टूटे | आज के समय में नेताओं से मिलना तो दूर उनसे फोन पर बात करना भी मुश्किल हो गया है ऐसी स्थिति में कार्यकर्ता हताश और निराश हो जाता है और उसके पास एक ही रास्ता होता है संजय विनायक जोशी | नाराज और हताश कार्यकर्ता जब अपनी नाराजगी व्यक्त करने संजय जोशी के पास आता है अपनी नाराजगी व्यक्त करता है तो संजय जोशी बड़े ही प्रेम और वात्सल्य के साथ अपने कार्यकर्ता की बात को सुनते हैं और उसे बड़ी आसानी से शांत और प्रसन्न कर देते हैं | कार्यकर्त्ता संजय जोशी से मिलने के बाद अपने सारे गम भूल जाता है और संजय जोशी से नई ऊर्जा प्राप्त करके पुनः अपने कार्य में लग जाता है और दुगनी शक्ति के साथ निस्वार्थ भाव से पार्टी के काम करने लगता है | आज किसी भी पद पर ना होने के बाद भी संजय जोशी के यहां जो कार्यकर्ताओं का मेला लगा रहता है वह देखकर आप दंग रह जाओगे | हर कार्यकर्ता आज संजय जोशी को अपना रोल मॉडल मानने लगा है और गर्व के साथ अपना मस्तिष्क उठाकर कहता है कि हम उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिसमें संजय जोशी जैसा आदर्शवान और पार्टी विचारधारा के प्रतिमूर्ति के रूप में आज भी कार्य कर रहा है | जिसे न सत्ता का मोह है और ना ही पद की लालसा अगर संजय जोशी को कुछ चाहिए तो वह है पार्टी विचारधारा से जुड़े समर्पित कार्यकर्ता पार्टी समर्पित कार्यकर्ता, कार्यकर्त्ता ही संजय जोशी के प्राण है और अंतिम पंक्ति में बैठे कार्यकर्ता तक पहुंचना संजय जोशी का लक्ष्य | अगर आपको भारतीय जनता पार्टी के वास्तविक आदर्श और पार्टी की विचारधारा समझना है तो एक बार संजय जोशी से जरुर मिलने का प्रयास करे उनसे मिलने के बाद आपको भारतीय जनता पार्टी क्या है, किस सिद्धांत पर कार्य करती है आसानी से समझ में आ जायेगा |
लेखक
बालकृष्ण उपाध्याय

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