काश ! मैं तुम्हारा मोबाइल होता

3
203

काश ! मैं तुम्हारा मोबाइल होता 
तुम्हारे कानो से चिपका होता 
तुम अपने दिल की बात कहती
मैं अपने दिल की बात कहता 

काश ! तुम मेरे मोबाइल होते
भले ही मेरे कानो से चिपके होते
पर जब मैं बॉय फ्रेंड से बात करती 
तुम्हारे दिल में कडवाहट होती 

काश ! मै तुम्हारा दीपक होता 
तुम मेरी तेल बाति होती 
मै सारी रात जलता रहता 
तुमको प्रकाश  देता रहता 

काश ! तुम मेरे दीपक होते 
भले ही तुम्हारी तेल बाति होती 
जब तेल तुम्हारा खत्म हो जाता 
सुबह तुम्हे कूड़े में फैक आती 

काश ! तुम्हार गणेश होता 
घर में तुम्हारे पूजा जाता  
रोज तुम्हारे लडडू खाता 
खूब मौज मस्ती मनाता 

काश ! तुम मेरे गणेश होते 
भले ही तुम रोज पूजे जाते  
और खूब मौज मस्ती मनाते
पर हर वर्ष तुम्हारा विसर्जन करती 

काश ! मैं तुम्हारा राम होता 
कलयुग में मैं पैदा होता 
तुम सीता सी पत्नि होती 
कितनी अच्छी ये बात होती 

काश ! तुम कलयुग मै पैदा होते 
मै सीता सी सावित्री न होती  
तुम अकेले बन बन में भटकते 
मैं अकेले ही मौज मस्ती लेती 

आर के रस्तोगी  

Previous articleजार्ज फर्नांडीसः कुछ संस्मरण
Next articleवेद तथा वेदानुकूल ग्रन्थों पर आधारित धर्म ही सनातन धर्म है
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

3 COMMENTS

    • श्री मधुसूदन जी
      नमस्कार ,
      आपका स्वास्थ कैसा है |चूकि आज कल अमेरिका में भी काफी ठण्ड पढ रही है |कविता पर लिखी टिपण्णी के लिये बहुत बहुत धन्यवाद | मै आपके लिये कोई कवि नहीं हूँ मै तो आपका एक छोटा भाई हूँ.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here