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अगर 19 का चुनाव जीतना है प्रिये ! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
तुम चली आ आना मेरे पास प्रिये भले ही दुश्मनी रही हो कभी हमारी पार्टी के दर खुले है हमेशा तुम्हारे लिए भले ही साईकिल में पंचर हो जाये प्रिये ! पक्का पंचर लगवा दूंगा, सुनो तो प्रिये ! गददी पर बैठा कर संसद ले जाऊँगा तुझे ये साईकिल तुम्हारी…