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सर्वधर्म-समभाव का भ्रम - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मजहबों को धर्म मानने वाले भारत पर्याप्त में हैं। उनमें इतना साहस नहीं है कि वे मजहब को सम्प्रदाय मान सके। इसलिए (सर्वधर्म-समभाव) की एक बे सिर पैर की परिकल्पना, भारत में आविष्कृत कर ली गयी है। इस अवधारणा के पीछे बड़ा गम्भीर षडय़न्त्र कार्य कर रहा है। अत: साम्प्रदायिकता…