प्रतीक्षा कर रही हूँ तुम्हारी सनम

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आर के रस्तोगी 

प्रतीक्षा कर रही हूँ तुम्हारी सनम
अभी तक क्यों नहीं आये सनम ?
सूर्य भी अब अस्त हो चूका
घर भी अपने वह जा चूका
पक्षी भी घोंसले में आ चुके
श्रमिक भी थक कर आ चुके
मै किसको बताऊ ये अपना गम
प्रतीक्षा कर रही हूँ तुम्हारी सनम
अभी तक क्यों नहीं आये सनम ?

दीप भी अब जल चुके
तारे भी अब जगमगा उठे
चाँद भी चाँदनी बिखेर रहा
सबका मन ये मोह रहा 
इन सबको देखकर तडफ रहे हम
अब तो गले लग जाओ सनम
प्रतीक्षा कर रही तुम्हारी सनम
अभी तक क्यों नहीं आये सनम ?

गगन में भी छाया अँधेरा
भू पर भी छा गया अँधेरा
दिन भी बन गया है रात
देखकर काँप रहा है गात
बादल भी अब गरज रहे है
मुझको भी अब ये डरा रहे है
बिजली भी अब चमक रही है
तुमको ये रास्ता दिखा रही है
अब तुम कहाँ हो सनम ?
प्रतीक्षा कर रही हूँ तुम्हारी सनम
अभी तक क्यों नहीं आये सनम ?

अब तो भोर हो चुकी है
मंद समीर चल चुकी है
तारे भी घर जा चुके है
चाँद भी घर जा चूका है
पक्षी भी सब जग उठे है
फूल भी अब खिल चुके है
पूरी रात न सो सकी सनम
अलसाई हुई मेरी आखे सनम
कब आओगे मेरे प्यारे सनम ?
पर्तीक्षा कर रही हूँ तुम्हरी सनम
अभी तक क्यों नहीं आये सनम ?

 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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