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साहित्य प्रकाशन बनाम सोशल मीडिया का प्रभाव - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’ एक दौर था, जब साहित्य प्रकाशन के लिए रचनाकार प्रकाशकों के दर पर अपने सृजन के साथ जाते थे या फिर प्रकाशक प्रतिभाओं को ढूँढने के लिए हिन्दुस्तान की सड़के नापते थे, परंतु विगत एक दशक से भाषा की उन्नति और प्रतिभा की खोज का सरलीकरण…