तिल की महिमा

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तिल गुड पर चिपक जाये,तो वह गजक हो जाये
अगर तिल गाल पर हो ,सुन्दरता अजब हो जाये

तिल करते करते जिन्दगी कम कम होती जाये
तिल करते करते रोग अधिक भयानक हो जाये

तेल तिलों से निकलत और किसी ने कंभी नाहि
जिन तिलों में तेल नहीं वे तिल सूखे कहिलाय

जिस अंग पर तिल है उसकी सुन्दरता बढ़ जाये
उंगली में अगर तिल हो तुरंत अंगूठी मिल जाये

तिल सुन्दरता का प्रतीक है,अगर तुम्हे मिल जाये
दो प्रक्रति को धन्यवाद तुम,कंचन हो गयी है काय

महा संक्रान्ति के दिन, तिल की महिमा और बढ़ जाये
इस दिन से दिन तिल तिल बढ़त रात कम होती जाये

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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