योग की जीवन में महत्ता

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शरीर को अगर रोग मुक्त तुम्हे रखना है।
योग को जीवन में सदा तुम्हे रखना है।।

पहला सुख निरोगी हो काया,
दूसरा सुख घर में हो माया।
तीसरा सुख संत्वंती हो नारी,
चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।
अगर इन सुखों को तुम्हे पाना है,
योग को जीवन में तुम्हे अपनाना है।।

योग की परम्परा है बहुत ही पुरानी,
इसको अपनाने मे करो न आनाकानी।
योग को अगर जीवन में तुम अपनाओगे,
अपना जीवन सदा निरोगी ही पाओगे,
डॉक्टर वैध के पास नहीं कभी जाना है।
योग को जीवन में सदा तुम्हे अपनाना है।

चूना लगे न फिटकरी रंग चोखा हो जाएं,
बिन पैसे खर्च किए शरीर चोखा हो जाएं।
योग ऐसी किर्या है इसे तुरंत अपना जाएं,
रोग कोसो दूर रहे डॉक्टर के पास न जाएं।
योग की महत्ता इससे अधिक नहीं बताना है।
योग को जीवन में तुम्हे सदा अपनाना है।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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