विशेष – नरेन्द्र मोदी जी के जन्म दिवस 17 सितम्बर पर…

श्री नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर सन् 1950 को सुबह लगभग  11 बजे गुजरात के वड़नगर के करीब 25000 वर्ष पुराने शहर मेहसाणा में हुआ है। उनकी वृश्चिक राशि है जिसका स्वामी मंगल काफी बलवान अवस्था में है। 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश विदेश में अपार लोकप्रियता अर्जित की है। लोग उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं। इसीलिए उनके जन्मदिन (17 सितम्बर) पर हम आपको उनकी कुंडली में छुपे कुछ विशेष योग बताएंगे। तो आइए इस अवसर पर जानते है क्या कहते है पीएम नरेन्द्र मोदी के सितारे.. 
17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का 68 वां जन्मदिन मनाया जाएगा। ऐसे में यह सवाल सभी के मन में आ रहा है कि आने वाला समय (वर्ष) इनके लिए कैसा रहेगा और इस साल मोदी कौन सा कारनामा करके देश दुनिया को चौंकाएंगे। 
उनकी जन्म कुण्डली में लग्न में ही चन्द्रमाँ मंगल की युति उपस्थित हैं, बृहस्पति चतुर्थ भाव में, शुक्र, शनि दशम भाव में राहु पंचम में तथा सूर्य बुध और केतु एकादश भाव में स्थित हैं।
श्री नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में लग्नेश मंगल लग्न में ही स्थित है जिसे ज्योतिषीय दृष्टि में बहुत ही शुभ माना जाता है लग्नेश लग्न में ही स्थित होने से कुंडली को बहुत विशेष बल मिल जाता है श्री मोदी जी की कुंडली में लग्नेश लग्न में होने से लग्न और लग्नेश दोनों ही बहुत मजबूत स्थिति में हैं साथ ही दूसरी दृष्टि से मंगल का स्वराशि में लग्न में होना रूचक योग बनाकर मंगल को नैसर्गिक रूप से भी बहुत बली बना रहा है, लग्न और लग्नेश का बलवान होना तो व्यक्ति को उच्च आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति देता ही है साथ ही मंगल हिम्मत, शक्ति, पराक्रम, दृढनिश्चयता और उत्साह प्रदान करता है ।
श्री मोदी जी की कुंडली में लग्न लग्नेश और मंगल दोनों ही बहुत बलवान हैं पर यहाँ इसमें एक और विशेष बात है के मजबूत मंगल भी विशेष रूप से कुंडली के लग्न भाव में स्थित है और लग्न(प्रथम भाव) ही व्यक्ति के स्वभाव को निश्चित करता है अतः बलवान मंगल पूर्ण रूप से मोदी जी की लग्न अर्थात स्वभाव को प्रभावित कर रहा है जिससे पराक्रम, निडरता, निर्भयता और उत्साह हमेशा मोदी जी के स्वभाव में बना रहता है ।
स्वराशि में स्थित बलवान मंगल व्यक्ति को बहुत मेहनती और अपने कार्य को पूरे समर्पण से करने वाला तो बनाता ही है साथ ही दृढ निश्चयी भी बनाता है रूचक योग वाला व्यक्ति जिस बात को थान लेता है उसे पूरा करके ही दम लेता है और बली मंगल ही व्यक्ति को किलिंग स्पिरिट देता है जिससे व्यक्ति अपने कार्यों की सफलता में अपनी पूरी ऊर्जा लगा देता है ।
लग्न में स्वराशि के बली मंगल के कारण ही ये सभी विशेषताएं हमें श्री मोदी जी के व्यक्तित्व में भी स्पष्ट दिखाई देती हैं। श्री मोदी जी की कुंडली में स्वराशि का मंगल ही उन्हें पराक्रम के साथ साथ बहुत अच्छी प्रतिस्पर्धात्मक शक्ति भी देता है ।
लग्न में रूचक योग होने से व्यक्ति हमेशा अपने विरोधियों पर हावी रहता है लग्न में रूचक योग होने पर ऐसा व्यक्ति स्वतंत्र और निर्भय स्वभाव का अपनी बात को पूर्ण आत्मविश्वास से कहने वाला होता है  और लग्न का बली मंगल ही श्री मोदी जी को पूर्ण कर्मठ और स्वाभिमानी व्यक्ति भी बनाता है।
वृश्चिक का मंगल उनकी कुंडली में विशेष योग बना रहा है जिसे “शत्रुहंता योगा” कहते हैं इसलिए विरोधी या शत्रु उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। 
वृृृश्चिक ( बिच्छु) के बारे में कहा जाता है कि, बिच्छू जब चलता है तो पूरे आत्मविश्वास के साथ चलता है. साथ ही ये अपनी चाल और बनावट से लोगों को प्रभावित करता है. ये बात भी पीएम मोदी पर बिल्कुल फिट बैठती है। पीएम मोदी के आलोचक भी इस बात पर सहमत हैं कि उनका ऑरा और लोगों को प्रभावित करने का ढंग कमाल का है।
वृश्चिक राशि वाले लोग गंभीर और निडर होते हैं. जैसा प्रधानमंत्री का रवैया है कहा जाता है कि वो अहम फैसले लेते वक़्त बिल्कुल भी घबराते नहीं हैं। यदि आज मसूद अजहर NSC की वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में है तो उसका एक बड़ा कारण मोदी को माना जाता है. जो चीन कभी मसूद अजहर के समर्थन में था प्रधानमंत्री मोदी के ही कारण मसूद के विरोध में आया और आज नतीजा हमारे सामने हैं. वृश्चिक राशि वालों के कार्य व्यवहार में आत्मविश्वास झलकता है। वृश्चिक राशि वाले लोग हर काम डंके की चोट पर करना चाहते हैं. ऐसे लोग बिना आडंबर और दिखाबे के बड़े से बड़ा काम करने में सफल होते हैं।
वृश्चिक राशि वाले लोग जो एक बार ठान लेते हैं उसे पूरा करने के लिए कठोर परिश्रम करने से घबराते नहीं हैं. इस बात के लिए हम कांग्रेस और जवाहरलाल नेहरू का उदाहरण ले सकते हैं। पीएम मोदी ने इनके साथ क्या किया वो हमारे सामने हैं। वृश्चिक राशि के लोगों के अन्दर बदला लेने की भावना प्रबल होती है. ये अपने दुश्मन को आसानी से छोड़ते नहीं हैं. आप ने देखा होगा बिच्छू जिसको काटता है उस पर बिच्छू के डंक का असर काफी समय तक रहता है।
वृश्चिक राशि वालों से उनके दुश्मन सामना करने से घबराते हैं. इनका आत्मविश्वास दुश्मन को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। वृश्चिक राशि के लोग अपने आत्मविश्वास के दम पर असंभव को संभव कर दिखाते हैं और जीवन में अपना लक्ष्य पाने में कामयाब होते हैं। कोई भी कठिन से कठिन कार्य यदि ये अपने हाथ में लेते हैं तो पूरे समय पर पूरा करने के लिए पूरा जोर लगा देते हैं और अपनी आसाधारण इच्छा शक्ति के दम पर जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
नरेंद्र मोदी जी के अंदर भी ऐसे ही आसाधरण गुण है नरेंद्र मोदी कठोर परिश्रम करके अपना लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होते हैं चाहे वो तीन तलाक का मुद्दा रहा हो या फिर जीएसटी, देश की आंतरिक सुरक्षा सभी चीजों पर जिस कुशलता से नरेंद्र मोदी ने काम किया है वो हमरे सामने है।
नरेन्द्र मोदी की जन्म कुंडली में हैं ऐसे नक्षत्र–
नमो की कुंडली देख कई ज्योतिष पहले भी दावा कर चुके हैं, कि वे देश में तीसरी दफा प्रधानमंत्री बनेंगे। गुरु चंद्रमा के योग से 2024 में शनि की साढ़े साती के समय वे फिर से पीएम बनकर आएंगे। ऐसा होने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता है।
उनके उपलब्ध जन्म विवरण के अनुसार उनकी जन्म कुंडली मेंगजकेसरी योग, मुसल योग, केदार योग, रुचक योग, वोशि योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीच भंग योग अमर योग, कालह योग, शंख योग व वरिष्ठ योग है। 
इन सभी के चलते उनको कोई समस्या नहीं आएगी। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार कुण्डली में ग्रहों के शुभ होने से ही नरेंद्र मोदी जी को इतनी सफलताएं मिली है। मंगल की दशा से वे विरोधियों को मात देंगे। ऐसे ग्रहों वाला इंसान विरोधियों को सबक जरुर सीखाता है। साथ ही मौका मिलने पर हर परिस्थिति में विरोधी से बदला ले लेते हैं। ऐसे में कांग्रेस व अन्य विरोधी पार्टियों को सावधान रहने की जरुरत हैं।

श्री मोदी जी की कुंडली में बुद्धि तर्क शक्ति और वाणी का कारक ग्रह बुध एकादश भाव में उच्च राशि में स्थित है जो उन्हें किसी भी बात के गहन अध्ययन और विश्लेषण की श्रेष्ठ क्षमता और दूरदर्शिता प्रदान करता है। श्री मोदी जी की वाणी और वक्तव्य बहुत ऊर्जान्वित और प्रभावपूर्ण होते हैं इसके लिए  उनकी कुंडली के बलवान मंगल और उच्चस्थ बुध दोनों की ही महत्वपूर्ण भूमिका है उच्चस्थ बुध उन्हें प्रखर वाणी और तर्कसंगत व्यक्तित्व की क्षमता देता है तो बलवान मंगल उन्हें अपनी बात को पूर्ण आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ प्रस्तुत करने की शक्ति देता है। 
श्री मोदी जी की कुंडली में बृहस्पति का केंद्र में होना और मंगल का स्वराशि में होना ही उन्हें कुशल प्रबंधन की क्षमता प्रदान करता है। बुध को व्यवहारिकता और आपसी तालमेल का कारक भी माना गया है श्री मोदी जी की कुंडली में बुध उच्च राशि में होने से ही वे बहुत व्यवहार कुशल और अपने मैत्रीपूर्ण व्यवहार से सबका मन मोह लेने का विशेष गुण भी रखते हैं ।
इसके अलावा श्री मोदी जी की कुंडली में बृहस्पति का केंद्र में होना तथ वक्री होकर बृहस्पति का नवम भाव (आस्था, उदारता, सेवा और सदभावना का भाव) को उच्च दृष्टि से देखना उनके व्यक्तित्व में उदारता का श्रेष्ठ गुण भी देता है वक्री बृहस्पति की नवम भाव पर उच्च दृष्टि पड़ने से यहाँ नवम भाव बहुत बली हो गया है जिससे मोदी जी एक समान दृष्टि से सभी को सम्मान और आदर देते हैं समाज के लिए सेवा भाव भी उनके व्यक्तित्व में स्पष्ट दिखाई देता है। मोदी जी की कुंडली में ग्रहस्थिति और उनके स्वभाव को लेकर एक बात बहुत महत्वपूर्ण है ।
लग्न में स्थित स्वराशि का मंगल उन्हें निर्भयता, दृढ़ता और ओजमयी वाणी और स्वाभिमानी व्यक्तित्व तो देता है पर उनकी कुंडली में लग्न में मंगल के साथ चन्द्रमाँ होना और विशेष रूप से बृहस्पति का केंद्र और नवमभाव दोनों को प्रभावित करना उनके स्वभाव में अहम् को तनिक भी नहीं आने देता।  बलवान मंगल उन्हें अपने कार्यों और लक्ष्यों के लिए तो दृढ बनाता है पर उनकी कुंडली में बृहस्पति की विशेष स्थिति के कारण प्रत्येक व्यक्ति के साथ उनका व्यव्हार बहुत विनम्रता पूर्ण होता है।
श्री नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में लग्न और लग्नेश मंगल बली स्थिति में होना ही उन्हें उच्च प्रतिष्ठा, यश और विश्व विख्यात प्रसिद्धि प्रदान करते हैं लग्न भाव व्यक्ति के यश प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा को नियंत्रित करता है जिन लोगो की कुंडली में लग्नेश लग्न में ही बलवान होकर स्थित होता है वे अपने जीवन में बहुत जाने माने और प्रसिद्ध व्यक्ति बनते हैं मोदी जी की कुंडली में यह ग्रह योग और उनके जीवन में इसकी वास्तविकता स्पष्ट दिखाई देते हैं।
अब विशेष रूप से श्री नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में उनकी उपलब्धियों और राजनैतिक सफलता के ग्रहयोगों को देखते हैं। श्री मोदी जी की कुंडली में दशम भाव (कर्म का भाव) में सर्कार और सत्ता कारक ग्रह सूर्य की राशि (सिंह) का उपस्थित होना उनके जीवन को इस क्षेत्र से तो जोड़ ही देता है उनकी कुंडली में राजनीती और सत्ता का कारक सूर्य लाभ स्थान में है पर श्री मोदी जी की कुंडली में एक बहुत ही विशेष योग बना हुआ है जो राजनैतिक क्षेत्र में सफलता और जनसमर्थन को देता है।
 मोदी जी की कुंडली में चतुर्थ भाव (जनता का भाव) का स्वामी शनि दशम भाव में स्थित होकर चतुर्थ भाव को पूर्ण दृष्टि देख रहा है जिससे यहाँ कुंडली का चौथा भाव बहुत बलवान हो गया है ऐसे में व्यक्ति को बहुत बड़ी मात्रा में जनसमर्थन और जनता का सहयोग प्राप्त होता है इसके अलावा जनता का नैसर्गिक कारक शनि भी केंद्र में बृहस्पति से दृष्ट है जिससे श्री मोदी जी को जनता का बहुत अच्छा समर्थन प्राप्त होता है।
 मोदी जी की कुंडली में दशमेश सूर्य लाभ स्थान में होना शुभ है पर विशेष रूप से कर्म कारक शनि का बृहस्पति से दृष्टि सम्बन्ध स्थापित करना एक विशेष फलदायी योग है ज्योतिष में शनि और बृहस्पति का साथ होना या इनमे दृष्टि सम्बन्ध बनना बहुत शुभ माना गया है ऐसा व्यक्ति अपने क्षेत्र में कुछ विशेष करके दिखाता है और विशिष्ट उपलब्धियां प्राप्त करता है, साथ ही बृहस्पति की शुभ दृष्टि से शनि और दशम भाव दोनों को बहुत बल मिल रहा है जो स्पष्ट रूप से जीवन में अपने कर्म क्षेत्र की उच्च सफलता और श्रेष्ठ पदों की प्राप्ति को दर्शाता है।
अब श्री मोदी जी की कुंडली के कुछ और विशेष सफलतादायक योगों को देखते हैं मोदी जी की कुंडली में भाग्येश चन्द्रमाँ नीच राशि में होने से उनके जीवन का प्रारंभिक समय अस्थिरता और उतार चढ़ाव में व्यतीत हुआ पर उसी नीच राशि के चन्द्रमाँ ने बाद में नीचभंग राजयोग का रूप भी दिखाया मंगल केंद्र में और चन्द्रमाँ के साथ होने से यहाँ चन्द्रमाँ से नीचभंग राजयोग बन रहा है जो संघर्ष के बाद बड़ी सफलता देता है, लग्नेश का लग्न में स्थित होना स्वयं में एक राजयोग माना गया है जो मोदी जी की कुंडली की सबसे बड़ी विशिष्टता भी है इसके अलावा यहाँ भाग्येश और लग्नेश का लग्न में एक साथ होना केंद्र त्रिकोण के सम्बन्ध से भी राज योग बना रहा है, मोदी जी की कुंडली में दशमेश सूर्य और लाभेश बुध का लाभ स्थान में बना योग भी समृद्धि और उच्च पद की प्राप्ति कराता है, कुंडली में स्वराशि का मंगल लग्न में होने से बना रूचक योग तो कुंडली को विशेष बल दे ही रहा है साथ ही यहाँ वक्री बृहस्पति की भाग्य स्थान पर पड़ने वाली उच्च दृष्टि जीवन में बड़ी सफलता देती है।
तो ये श्री मोदी जी की कुंडली के कुछ ऐसे विशेष ग्रहयोग हैं जो उनमे विशेष प्रतिभाएं तो देते ही हैं साथ ही जीवन में बड़ी सफलता भी प्रदान करते हैं बली मंगल उन्हें प्रतिनिधित्व और कुशल नेतृत्व की क्षमता देता है तो उच्चस्थ बुध ओजमयी वाणी प्रदान करता है बृहस्पति और शनि का दृष्टि सम्बन्ध कर्म क्षेत्र में कुछ विशिष्ठ उपलब्धियां दिलाता है तो बलवान चतुर्थ भाव विशेष जनसमर्थन को दर्शाता है। 
मोदी जी की कुंडली की एक विशेषता यह भी है के लग्न में ही चन्द्रमाँ स्थित होने से मोदी जी की लग्न और चंद्र कुंडली एक ही है जिससे कुंडली में बने योग और अधिक प्रबल हो जाते हैं क्योंकि लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली दोनों में ही एक समान ग्रह योग बनते हैं जो अपना पूरा प्रबल प्रभाव दिखाते हैं अधिकांशतः स्थितियों में लग्न और चंद्र कुंडली भिन्न होने से लग्न में बली मंगल होने पर भी चंद्र कुंडली में अलग ग्रहयोगों के कारण व्यक्ति के स्वभाव में बलवान मंगल के पूरे गुण नहीं आ पाते परंतु नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में लग्न और चंद्र कुंडली समान होने से उनके व्यक्तित्व में बली मंगल के पूर्ण ऊर्जावान गुण विद्यमान हैं साथ ही इससे उनकी कुंडली में बने अन्य अच्छे ग्रह योग भी और प्रबल प्रभाव दिखा रहें हैं।
ज्योतिषीय विशलेषण के आधार पर कुछ विशेष तथ्य वर्तमान में मोदी की कुंडली में चन्द्रमा की महादशा में शनि की अन्तर दशा चल रही है। चन्द्रमा भाग्येश होकर नीचभंग राजयोग का निर्माण कर रहा है। लग्न में मंगल के साथ चन्दमा की युति है। मोदी जब-तक स्वयं के विवेक के आधार पर निर्णय लेते रहेंगे तब-तक सब कुछ बेहतरीन होता रहेगा। जैसे ही किसी के बहकावे में आकर कार्य करेंगे तो छवि धूमिल हो सकती है।
मैत्री पूर्ण सम्बन्धों का लाभशनि तृतीयेश व चतुर्थेश होकर राजनीति के कारक भाव दशम में अपने मित्र शुक्र के साथ बैठा है। शनि की यह स्थिति उत्तम है। शनि की दशा में मोदी का वर्चस्व और जनता में लोकप्रियता बनी रहेगी। विशिष्टि व्यक्तियों से मैत्री पूर्ण सम्बन्धों का लाभ मिलेगा। राजनैतिक सफलता का ग्राफ ऊंचा जाएगा। विदेशों से नए सम्बन्ध लाभप्रद होंगे। भारी ऋण तथा विदेशी सहायता से बचना होगा अन्यथा हानि हो सकती है।
मोदी की विश्व पटल पर लोकप्रियताविपक्षी तथा विरोधी प्रभावी होकर नई योजनाओं में अडंग़ा लगाएंगे। परियोजनाओं की सफलता के लिए अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता है। वित्तीय अनुशासन का कड़ाई से लागू करना आवश्यक है। मन्दी के उपरान्त भी भारत की स्थिति में सुधार से मोदी की विश्व पटल पर लोकप्रियता बढ़ेगी।
भाग्येश की महादशा 2021 तक जारी—
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली के हिसाब से उन पर चंद्रमा भाग्येश की महादशा 2021 तक जारी रहेगी। 
केतु वृश्चिक लग्न के लिए बेहद अच्छे परिणाम देगा। जिससे पीएम मोदी के लिए सफलता के द्वार खुल सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्हें काफी मेहनत भी करनी होगी। मंगल की दशा से वे विरोधियों को मात देंगे। ऐसे ग्रहों वाला इंसान विरोधियों को सबक जरुर सीखाता है। 
वर्ष 2024 में शनि की साढ़े साती के समय मोदी की कुंडली में मंगल होने से फिर से उन्हें ही पीएम बनने का मौका मिलने वाला है। इनकी कुंडली वृश्चिक लग्न की बनती है। कुंडली में लक्ष्मी नारायण योग मंगल और चंद्रमा का साथ में हैं। कुंडली में नीच का राहु पांचवे भाव में है, जिस कारण इन्हें पैतृक सुख नहीं मिल पाऐगा। 
सातवें भाव के अंदर शुक्र और शनि की युति है। इसके साथ ही इनकी कुंडली में भाव 11 में सूर्य, केतु और राहु के मिलन से ग्रहण दोष बन रहा है। सातवां भाव बहुत पीड़ित है समुदाय अष्टकवर्धक के अंदर ये मात्र 24 बिंदू लिए हुए हैं जिस कारण ये दाम्पत्य जीवन का आनंद नहीं उठा पाए और हमेशा देश की सेवा में तत्पर रहे।
इनकी कुंडली में चौथा बृहस्पति  बेजोड़ है क्योंकि यहां धन का स्वामी और पंचम का स्वामी चौथे भाव में है। इस कुंडली की सबसे बड़ी मंगल ग्रह है, जोकि चंद्रमा के साथ विराजमान है इसके साथ ही कुंडली में अभी चंद्रमा की महादशा है और जो 2021 तक चलेगी। ऐसा कहा जा सकता है इस महादशा के शुरू होने से उनके पराक्रम क्षेत्र में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है।
अब बात करते हैं नरेंद्र मोदी के पॉलिटिकल करियर की। वर्तमान समय में चंद्रमा की महादशा चल रही है ।10 मार्च 2019 के बाद चंद्रमा के अंदर शुक्र की अंतर्दशा चलेगी। शुक्र इस कुंडली में 10वें भाव में बैठा हुआ है सप्तमेष और द्वादेश का स्वामी हैं।
केतु इनकी कुंडली में नीच का है और सूर्य के नक्षत्र में है लेकिन ये बुध के परिणाम दे रहा है यो कि आयुष और लावेश का स्वामी है। 
चूंकि नरेंद्र मोदी अपने जन्म स्थान से बाहर है इसलिए इनकी कुंडली का 12 वां भाव सुचारू रूप से काम कर रहा है और शुभ परिणाम दे रहा है। ज्योतिष के अनुसार जो व्यक्ति अपने जन्म स्थल के नज़दीक रहकर बिज़नेस या कोई भी कामकाज़ करता है कुंडली का 12वा भाव इसके बुरे परिणाम देता है। मोदी जी की कुंडली के अनुसार वो अपने जन्म स्थल से बाहर रहकर काम कर रहें हैं इसलिए उनको शुभ फल प्राप्त होंगे।
सूर्य इनकी कुंडली में कन्या का है इसलिए पूर्व दिशा की तरफ काम करने से इनको अच्छे परिणाम भी मिले हैं। इस दृष्टिकोण से 10 मार्च 2019 से लेकर 8 नवंबर 2020 का समय इनके लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। 
नरेंद्र मोदी किस्मत के बहुत धनी हैं, हर मोड़ पर किस्मत इनका अच्छा साथ देगी। आले वाले समय में ऐसी स्थिति दिखाई देती है कि 10 मार्च 2019 से लेकर 8 नंवबर 2020 के बीच के अंदर समय इनके लिए बहुत ही शुभ रहेगा। अगर इनकी कुंडली पर नज़र डाली जाए तो से इन पर साढ़ेसाती चल रही है, 2014 में इनकी कुंडली पर विद्यमान थी, जो इनके लिए काफी शुभ मानी गई है। बता दें कि साढ़ेसाती ने ही इनको प्रधानमंत्री बनाया था।
चंद्रमा मोदी की कुंडली में भाग्य स्थान का स्वामी है और लग्न में लग्नेश मंगल के साथ बैठा हुआ है. यानि भाग्येश और लग्नेश साथ-साथ बैठे हुए हैं।
भाग्येश की महादशा भी चल रही है. शुक्र नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में सातवें घर और बारहवें घर का स्वामी और दसवें घर में शनि के साथ बैठा हुआ है. ग्रहों की स्थिति ये संकेत देती है की नरेंद्र मोदी जी का समय अच्छा है। नरेंद्र मोदी की जन्म कुण्डली के आधार पर इस वर्ष बनी वर्ष कुंडली उनके अगले एक वर्ष के लिए बड़े परिवर्तनों के साथ अंतराष्ट्रीय राजनीति की नई चुनौतियों दर्शाती हैं। इस वर्ष की वर्ष कुंडली में मुख्य ग्रहों का 12 वें और 8 वें घर से सम्बन्ध होना नरेन्द्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय ओर राष्ट्रीय स्तर पर बड़े राजनीतिक परिवर्तनों का की सम्भवना दर्शाती है।
विश्व में उनका नाम और सम्मान बढेगा। कई असाधारण निर्णय लेंगे जिनका व्यापक परिणाम होगा।
मोदी जी देश का नेतृत्व निर्बाध रूप से 2028 तक करेंगे और फिर राहु की महादशा में नेतृत्व परिवर्तन होगा पार्टी वही रहेगी ।
शुभम भवतु

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