इमरान का आंतकी कबूलनामा

दुलीचंद कालीरमन

जुलाई के दूसरे तीसरे सप्ताह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अपनी पहली अमेरिका
यात्रा के दौरान कई विषय बहुत विवादित रहे I इमरान खान के साथ अपनी वार्ता के दौरान अमेरिकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा बयान दे दिया जिसके कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक
उफान आ गया था I डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पिछले महीने जापान के ओसाका में जी-20 की बैठक
के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर विवाद को लेकर मध्यस्था करने की गुजारिश की थी
I इमरान खान में मौके की नजाकत को लपकते हुए कहा कि अगर आप मध्यस्थ करके कश्मीर के
मुद्दे को सुलझा लेते है तो इससे आपको करोड़ों लोगों की दुआएं मिलेंगी I
 राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस वक्तव्य से भारतीय राजनीति में भी तूफान आ गया I विदेश विभाग के
प्रवक्ता रवीश कुमार द्वारा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस वक्तव्य का खंडन किया गया तथा संसद में
भी विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्टीकरण दिया कि भारत कश्मीर समस्या में किसी तीसरे पक्ष की
भूमिका को स्वीकार नहीं करता तथा भारत की कश्मीर नीति में कोई बदलाव नहीं आया है I अमेरिकी
प्रशासन ने मामले को संभालते हुए अपने वक्तव्य में कश्मीर के मुद्दे का जिक्र नहीं किया गया I
केवल इतना ही कहा गया कि जब तक दोनों पक्ष सहमत नहीं होते तब तक अमेरिका का
मध्यस्थ बनने का कोई इरादा नहीं है I
 दरअसल इन दिनों अमेरिका और तालिबान के मध्य बातचीत के कई दौर हो चुके हैं I अमेरिका
द्वारा अफगानिस्तान में अपनी सेनाओं में कटौती करना उनकी प्राथमिकता है I डोनाल्ड ट्रंप वर्ष
2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनाना चाहते हैं I पाकिस्तान
में अमेरिका और तालिबान के बीच एक वार्ता संपन्न हो चुकी है तथा पाकिस्तान, अमेरिका, चीन और
रूस के साथ (P3+1) वार्ता में सहयोग कर रहा है I तालिबान के साथ अमेरिका की वार्ता की सफलता
पाकिस्तान की मजबूरी बन गई है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर बड़े स्पष्ट रूप से कह
चुके हैं कि  अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों का भविष्य तालिबान के साथ वार्ता की सफलता पर
निर्भर करेगा क्योंकि अमेरिका भी जानता है कि इस क्षेत्र में आंतक का असली निर्यातक
पाकिस्तान ही है I असल में कश्मीर का नाम लेकर डोनाल्ड ट्रम्प ने अपना काम निकलवाने
के लिए पाकिस्तान को मीठी-गोली ही दी है I
 अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान यह स्वीकार कर चुके हैं कि
उनके देश में अभी भी लगभग 40 आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं जिनके अंतर्गत 30,000 से 40,000
आतंकवादी सक्रिय हैं जो कश्मीर और अफगानिस्तान में आंतकी घटनाओं को अंजाम दे रहें है I
विश्व इस कडवी सच्चाई को बहुत पहले से ही जानता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस
प्रकार की स्वीकारोक्ति किसी भी पाकिस्तानी हुक्मरान द्वारा पहली बार सार्वजनिक रूप से की गई है

I इमरान खान ने इन सारी आंतकी गतिविधियों का दोषारोपण पूर्ववर्ती सरकारों पर किया है तथा खुद
को पाक साफ दिखाने की कोशिश की गई है I
इमरान खान जानते हैं कि पाकिस्तान वित्तीय संकट से गुजर रहा है I फाइनेंशियल एक्शन टास्क
फोर्स (FATF) द्वारा पाकिस्तान को ‘ग्रे-लिस्ट’ में डाला गया है तथा अक्टूबर के महीने में इसकी
समीक्षा की जानी है पाकिस्तान को यह डर है कि अगर उसका नाम ‘ब्लैक-लिस्ट’ में आ गया तो
उसके अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो जाएगा I क्योंकि आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुके पाकिस्तान
से कोई भी देश या अंतरराष्ट्रीय संस्था वितीय लेन-देन नहीं कर सकती I इसलिए वह इन दो-तीन
महीनों के अंदर ही खुद को पाक साफ दिखाने और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी कैंपों
को बंद करने तथा शीर्ष आंतकियों को गिरफ्तार करने का नाटक कर रहा है I इमरान खान द्वारा यह
सब कितनी ईमानदारी से किया जा रहा है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा  I भारत के रक्षा
मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अगर पाकिस्तान अपने यहां आतंकवादियों को नियंत्रित नहीं कर पा
रहा तो भारत इस मामले में उसकी मदद कर सकता है I
अमेरिका द्वारा तालिबान के साथ वार्ता में भारत को साझीदार नहीं बनाया गया है I हम सभी जानते
हैं कि भारत द्वारा अफगानिस्तान में विनिर्माण और कई अन्य प्रकाश प्रकार के निवेश किए गए हैं I
संसद भवन, बांध, सड़कें तथा अस्पतालों का निर्माण भारत ने अफगानिस्तान में किया है I लेकिन
अफगानिस्तान की वार्ता जिस दिशा में जा रही है उससे ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में वहां पर
तालिबान शासित सरकार बनेगी यह फिर से उसी स्थिति में पहुंचने जैसा होगा जिस स्थिति में यह
लड़ाई की शुरुआत हुई थी I अमेरिका पिछले 15 सालों में भी अफगानिस्तान में निर्णायक विजय
प्राप्त नहीं कर पाया है I इसके पीछे भी कारण पाकिस्तान ही है I अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा
बिन लादेन जिसे अमेरिका एक दशक तक ढूंढता रहा उसको शरण देने का काम भी पाकिस्तान ने ही
किया था I आज इमरान खान यह बात स्वीकार करते हैं कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’
ने ही ओसामा बिन लादेन का पता अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को दिया था I
पाकिस्तान में कट्टरपंथी गुट अभी भी सक्रिय हैं उनके अफगानिस्तान में तालिबानी कमांडरों से
संबंध हैं I अगर अफगानिस्तान में तालिबानी फिर सत्ता में लौटते हैं तो यह कट्टरपंथी गठबंधन
कश्मीर समस्या के लिए नया सिरदर्द बन सकता है और यह भारत के लिए खतरे की घंटी होगी I
 मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कश्मीरी आतंकवाद से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही
है I पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा से घुसपैठ में भी काफी कमी आई है I स्थानीय युवकों द्वारा
आतंकवादी संगठनों में भर्ती की संख्या भी काफी कम हुई है I अलगाववादी नेताओं को सलाखों के
पीछे पहुंचा दिया गया है तथा उनके वित्तीय संसाधनों पर भी अंकुश लगाने का कार्य एनआईए द्वारा
किया गया है I

 भारत और पाकिस्तान के बीच में करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अधिकारी स्तर की वार्ता चल रही है I
सिख जत्थों द्वारा पवित्र ननकाना साहिब गुरुद्वारे  में पूजा-अरदास हेतु बिना वीजा यात्रा की
इजाजत पाकिस्तान द्वारा दी जा चुकी है लेकिन हमें इस बारे में चौकन्ना रहने की आवश्यकता है I
क्योंकि पाकिस्तान में अभी भी काफी खालिस्तान समर्थित आतंकवादी सक्रिय हैं I अभी तक
पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष एक खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी गोपाल सिंह
चावला को बनाया हुआ था I भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा इस विषय का समय समय पर संज्ञान
लेते रहना जरूरी है कि कहीं यह धार्मिक खिड़की पंजाब में खालिस्तानी विचारधारा का जहर फैलाने
का काम न कर दे I क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यूरोप के देशों और विशेषकर कनाडा से कई
संगठन खालिस्तानी आतंकवाद को पोषित करने के लिए अलग-अलग गुटों की वित्तीय मदद कर रहे
हैं I
अगर पाकिस्तान  भारत से अच्छे संबंध चाहता है तो उसे कश्मीर के अंदर आतंकवाद हर हाल में
रोकना पड़ेगा ताकि संबंधों सामान्य हो सके तथा भारत और पाकिस्तान अपने अपने संसाधनों को
हथियारों पर खर्च ना करके अपनी जनता की बेहतरी के लिए इस्तेमाल कर सकें I पाकिस्तान भारत
से मुकाबला नहीं कर सकता यह बात जितनी जल्द पाकिस्तान समझ ले उतनी ही
पकिस्तान के हित में होगी I

118/22, कर्ण विहार , करनाल (हरियाणा )
9468409948
dulichand559@gmail.com
ramankaroznamcha.blogspot.com

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