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खुद की खोज में - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
वहां जहां धरती और आसमान मिलते हुए दीखते हैं वहां मेरा गाओं है। एक मिट्टी के घर कोने में एक लकड़ी के बक्सा बक्से के अंदर मेरे दादाजी के भगबत गीता मेरे बचपन के कुछ किताबें और कुछ कोरा कागज़। में यही कहीं रहता हूँ और सपने देखते रहता हूँ…