इन तन्हाइयों मे,तुम्हारी याद आयेगी।

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इन तन्हाइयों मे,तुम्हारी याद आयेगी।
किए थे जो वादे,उनकी याद सतायेगी ।।

चांदनी रात में,जब चांद चमकेगा,
देखकर उसको मेरा दिल धड़केगा।
कैसे इस दिल को मै समझाऊंगी,
तुम्हारे बिन तो मुझे नींद न आयेगी।
इन तन्हाइयों में,तुम्हारी याद आयेगी।।

अंधेरी रात में,जब कोई जुगनू चमकेगा,
उसको देखकर मेरा मन तरसेगा।
पता नही ये रात कैसे कट पायेगी,
शायद आंखो मे रात कट जायेगी।
इन तन्हाइयों मे,तुम्हारी याद आयेगी।।

इन तन्हाइयों मे,न जी सकूंगी न मर सकूंगी,
अपने इस गम को किसी से न कह सकूंगी।
घुटती रहूंगी इन गमो को न सह सकूंगी,
इस घुटन में भी तुम्हारी याद आयेगी।
इन तन्हाइयों मे, तुम्हारी याद आयेगी।
किए थे जो वादे उनकी याद सतायेगी ।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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