विश्वगुरू के रूप में भारत-50 - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार आर्य आज का अर्थशास्त्र इसे 'ले और दे' की व्यवस्था कहता है, पर वेद की व्यवस्था ले और दे (त्रद्ब1द्ग ड्डठ्ठस्र ञ्जड्डद्मद्ग) से आगे सोचती है। वह कहती है कि जिसने आपको जो कुछ दिया है उस देने में उसके भाव का सम्मान करते हुए उसे कृतज्ञतावश उसे…