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भारतीय क्षात्र धर्म और अहिंसा - अध्याय -2 - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
वैदिक राष्ट्र और अहिंसा यजुर्वेद में एक सुन्दर ऋचा आयी है :-- ओ३म आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम आ राष्ट्रे राजन्य: शूरऽइषव्योऽतिव्याधी महारथो जायतां दोग्ध्री धेनुर्वोढानड्वानाशु: सप्ति: पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठा: सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायतां निकामे निकामे न: पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो नऽओषधय: पच्यन्तां योगक्षेमो न: कल्पताम्।। -यजु० २२/२२ अर्थात हे…