सुरेश हिन्दुस्थानी
किसी भी देश की प्रगति का पैमाना यह भी माना जाता है कि उस देश के सबसे अंतिम छोर पर निवास करने वाले व्यक्तियों तक सरकार की लाभकारी योजनाओं का कितना प्रभाव पहुंचा है। स्वतंत्रता के 70 साल तक देश की हालत यह थी कि सरकारें केवल योजनाएं बनाकर छोड़ देती थी, योजना केवल कागजों में संचालित होती थी, लेकिन धरातल पर उसका प्रभाव शून्य ही रहता था। योजनाओं के लिए आवंटित राशि भी कहां चली जाती थी, इसका पता भी नहीं चलता था, लेकिन कागज पर लिखे गए शब्द असफल सफलता की कहानी कहते दिखाई देते थे। गरीबों के नाम पर बनाई गई योजनाओं के माध्यम से जितना पैसा व्यय किया गया, वह अगर सही तरीके से व्यय किया जाता तो अब तक देश में किसी भी प्रकार की समस्या ही नहीं रहती।
देश ने पिछले चार वर्षों में बहुत बड़ा राजनीतिक परिवर्तन देखा है। जनहितैषी योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने भ्रष्टाचार रहित सरकार देश को दी है। सत्ता प्राप्त करते ही नरेन्द्र मोदी ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि गंभीर समस्याओं के निस्तारण के लिए कड़वी दवाई की आवश्यकता है। जिससे थोड़ी परेशानी सबको हो सकती है, लेकिन देश के लिए समृद्धि के द्वार खुलेंगे। भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि सरकारें तो आती और जाती रहती हैं, राजनीति कोई सत्ता का खेल नहीं, सरकार भले ही चली जाए, लेकिन यह देश रहना चाहिए, देश का लोकतंत्र रहना चाहिए। नरेन्द्र मोदी उसी राह का अनुसरण कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी की राजनीति का अध्ययन किया जाए तो यही दिखाई देता है, उन्हें सत्ता का मोह नहीं, वह तो देश को मजबूत बनाने के लिए प्रणा पण से देश सेवा कर रहे हैं। सत्ता केन्द्रित राजनीति ने देश का कबाड़ा किया है। इतना ही नहीं सत्ता केन्द्रित राजनीति कभी देश का भला नहीं कर सकती। मात्र इसी कारण आज देश की जनता के मन में नरेन्द्र मोदी बहुत बड़ी आशा का केन्द्र बनते जा रहे हैं।
केन्द्र सरकार की योजनाओं के बारे में भी आम जनता की धारणा परिवर्तित हुई है। पहले जनता कई चककर लगाने के बाद भी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाती थी, अब अधिकारी और कर्मचारी स्वयं गरीबों के पास जाकर योजनाओं का लाभ देने लगे हैं। मोदी सरकार के कार्यक्रम गरीबों के उत्थान के लिए हैं। अब तो गरीब भी यह समझने लगा है कि यह उनकी अपनी सरकार है। योजनाएं जमीन पर उतर रही हैं। अटलजी के शासनकाल में प्रारंभ हुई सड़क योजना ने देश के सभी गांवों को शहरों से जोड़ने की अद्भुत पहल की थी, जिसके चलते मोदी सरकार ने देश के गांवों से शहरों की दूरी को समाप्त कर दिया है। मोदी सरकार की सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि इस सरकार ने योजनाओं में लगने वाली देरी को घटाया है यानी योजनाएं अपने तय समय में ही पूरी की जा रही हैं। चाहे वह सड़क का मामला हो या फिर अंधकार युक्त गांवों में प्रकाश फैलाने की ही बात हो। हर योजना तय समय से पहले पूरी हो रही है। इसका आशय यही है कि मोदी सरकार के समय कार्य में गति आई है। अगर यही चलती रही तो स्वाभाविक है कि आगामी कुछ वर्षों में देश ऐतिहासिक प्रगति के नए आयाम स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा।
जहां तक केन्द्र सरकार की योजनाओं की बात है तो मोदी सरकार ने पूरे देश की जनता को सरकार से सीधे जोड़ने का काम किया है। एलपीजी गैस सिलेंडर की बात की जाए तो चार साल पहले तक लम्बी पंक्तियों में लगने के बाद भी आसानी से सिलेंडर प्राप्त नहीं हा पाते थे। इतना ही नहीं कालाबाजारी भी जमकर होती थी, लेकिन अब दृश्य बदल गया है। जनता को अब किसी भी प्रकार की लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं है। सिलेंडर सीधे घर तक आ रहा है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसी प्रकार पिछले चार वर्षों में देश के सभी शहर पहले की अपेक्षा बहुत ज्यादा साफ सुथरे दिखाई देने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाथ में झाडू क्या ली, पूरा देश सफाई अभियान में जुट गया। आज स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत अभियान में शामिल होने वाले गौरव का अनुभव कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार जैसी बुराई को समाप्त करने के लिए देश को किसी ईमानदार नेता की तलाश थी, नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की वह तलाश भी समाप्त हो गई। नरेन्द्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जो स्वतंत्र भारत में पैदा हुए हैं। मोदी की ईमानदारी की बात की जाए तो उनकी यह खूबी उन्हें देश के अन्य नेताओं से बहुत अलग करती है कि आज उनका परिवार वैसा ही जीवन व्यतीत कर रहा है, जैसा मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले था। किसी और दल का कोई नेता मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनता तो पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर जाती। जैसा कि देश में पहले से होता आया है। कई राजनेता झोंपड़ी से महलों तक पहुंच गए हैं, भ्रष्टाचार के माध्यम से करोड़ों बटोर लिए हैं।
वास्तव में नरेन्द्र मोदी का चार साल से ज्यादा का कार्यकाल पहले की सरकारों पर भारी पड़ रहा है। बड़ी-बड़ी महाशक्तियां भारत से दोस्ती करने के लिए आतुर हैं। इतना ही नहीं नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत देश विश्व के लिए आशा का केन्द्र बनने की ओर है। प्रधानमंत्री मोदी के कदम अभी से इस बात का संकेत देने लगे हैं कि भारत एक बार फिर से पूरे विश्व का नेतृत्व करते हुए विश्व गुरु के सिंहासन पर आरुढ़ होगा।