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झूठ है जाति अहं को पालना - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायकक्यों जाति धर्म के झगड़े हैंक्यों रंग, वर्ण पर इतराना!सब मानव की एक है जातिसबको मानव ही बने रहना! कुछ नहीं शाश्वत यहां परभगवान भी रंग बदलते हैंकभी गौर, कभी श्याम हुएतो इंसानों का क्या कहना! गोरे थे आर्य,शक,हूण,मंगोलभगवान क्यों होते हैं काले?इसको समझो एशिया वालेऔर जरा हमको…