गणपति वंदन और विसर्जन
नव-रात्रि मे देवी पूजन,
संसकृति संगीत धर्म का संगम,
कंहीं बांगला साज़ बजेगा,
रामलीला का मंचन होगा,
कंहीं डाँडिया रास रचेगा।
विजय दशमी की धूम मचेगी,
बुराई की अंगार जलेगी,
रावण के परिवार के पुतले,
धूं धूं धूं धूं करके जलेंगे।
सुहागने करवा चौथ करेंगी,
मायें अहोई मां को पूजेंगी,
धनतेरस धन वर्षा होगी,
नरका चौदस महास्नान करेंगे,
फिर दीपाली की ज्योति जलेगी,
लक्ष्मी पूजन,आरती वंदन,
गोवर्धन पूजा भी होगी,
भाई दूज मे भाई बहन
का स्नेह बंधेगा,
एक के बाद एक त्योहार,
ये इस मोसम की सौगात ।