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अजीब है न लोकतंत्र का ई त्यौहार - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अंकित कुंवर लोकतंत्र का बरसों पुराना त्यौहार नजदीक आ रहा है। यह त्यौहार सियासत के गलियारे में शामिल होने के लिए है। एक मौका है जिसपर चौका लगाना सबकी चाहत। अब तो समझो हम का कहना चाह रहें हैं। ई त्यौहार का नामकरण सोच समझकर फिक्स हुआ है। 'चुनाव' नाम…