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जापान : कर्मयोग का ज्वलंत आदर्श - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश: आज हम ऐसे मोड पर खडे हैं, जहाँ से दो रास्ते निकलते हैं। एक कठिन परिश्रम का। दूसरा फिरसे गत ६७ वर्षों की उदासीन और ढीली कार्यवाही का। इस दृष्टि से जापान का उदाहरण हमें काम आएगा, प्रेरणा भी देगा। हम अपनी भविष्य की पीढियों के…