जिन्ना पर जसवंत की पुस्तक का नई दिल्ली में लोकार्पण

jinnah_paintingनई दिल्ली: प्रख्यात पत्रकार बीजी वर्गीज ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को देश विभाजन का अपराधी ठहराया है। वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह की पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि जिन्ना का लोकतांत्रिक और सेकुलर मूल्यों पर विश्वास होता तो सन 1946 में जिन्ना देश में सीधी कार्रवाई का ऐलान न करते। वर्गीज ने कहा कि जिन्ना ने अपनी जिद में देश की एकता और अखण्डता को बनाए रखने के गांधी और नेहरू के प्रयासों को धता बता दिया। जसवंत सिंह की पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने शोध आधारित ग्रंथ लिखकर एक अच्छा कार्य किया है। 

इसके पूर्व तीनमूर्ति आडिटोरियम में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में साहित्यकार नामवर सिंह, जसवंत सिंह, लार्ड मेघनाथ देसाई, मार्क टली, एम.जे.अकबर, श्री हामिद हारून, राम जेठमलानी और बीजी वर्गीज ने जसवंत सिंह द्वारा लिखित पुस्तक जिन्ना: इंडियापार्टीशन-इंडिपेंडेंस के अंग्रेजी व हिंदी संस्करणों का लोकार्पण किया। 

इस अवसर पर आयोजित संवाद में हिस्सा लेते हुए प्रख्यात विधिवेत्ता राम जेठमलानी ने कहा कि जिन्ना एक सुलझे हुए सेकुलर नेता थे। पाकिस्तान की संविधान सभा में 11 अगस्त, 1947 को उनका दिया गया भाषण इसकी साफ गवाही है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वे स्वभाव से जिद्दी थे और उनकी जिद ने देश का विभाजन करवा दिया।

सुप्रसिद्ध पत्रकार मार्क टली ने कहा कि विभाजन के लिए दोष म़े जाने का सिलसिला बंद होना चाहिए। 

सुप्रसिद्ध पत्रकार एम.जे.अकबर ने जिन्ना को भावुक इंसान बताते हुए कहा कि अक्सर उनका दुख प्रकट होता रहता था। वे विभाजन नहीं चाहते थे और जब उन्होंने पाकिस्तान में शरणार्थी कैम्पों की हालत देखी तो वे बहुत ही दुःखी हो उठे। 

पाकिस्तान से पधारे हामिद हारून ने मुंबई के जिन्ना हाउस के मालिकाने हक का सवाल उठाया और कहा कि जिन्ना की विरासत को सुरक्षित रखने का प्रयास होना चाहिए।

लार्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि वे भी शीघ्र देश विभाजन पर शोध आधारित पुस्तक के प्रकाशन की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास पर शोध होते रहने चाहिए ताकि नई पी़ढी का सच्चाई से अवगत कराया जा सके। 

सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नामवर सिंह ने कहा कि जिन्ना सच्चे अर्थ में सेकुलर थे और विभाजन के लिए उनसे कहीं ज्यादा नेहरू और हमारे नेताओं की हड़बड़ी जिम्मेदार थी। 

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई बड़ा नेता उपस्थित नहीं था। एक तरह से भाजपा नेताओं ने अपने ही वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के पुस्तक लोकार्पण समारोह से खुद को दूर रखा। 

कार्यक्रम में जसवंत सिंह ने 40 सेकेंड में अपना उद्बोधन यह कहकर समाप्त कर दिया कि पुस्तक बाजार में उपलब्ध है, उन्हें जो कहना है वे पुस्तक में कह चुके हैं, 15 प्रतिशत की छूट पर पुस्तक यहां से खरीदी जा सकती है।

समारोह के दौरान आयोजित विशेषज्ञ चर्चा में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पत्रकार अरूण शौरी को भी हिस्सा लेना था लेकिन किसी कारण से वह भी चर्चा में उपस्थित नहीं हुए। 

हिंदुस्तान समाचार

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