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जीना इसी का नाम है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
व्योमेश चित्रवंश #जीना_इसी_का_नाम_है पिताजी की मृत्यु सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के पहले हुई थी तो नियम के अनुसार उनके बेटे को नौकरी मिलनी थी। लेकिन सिद्धार्थ ने अपनी मेहनत से ही एक सरकारी अध्यापक की नौकरी हासिल की थी। पिताजी अक्सर कहा करते कि 'बेटा अपना केवल उसे समझना जो…