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जीवन की ताल - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जीवन की हर ताल पे कोई , गीत नया होगा हँसते - गाते जी लेंगे जो , होगा सो होगा नए राग में एक नयी धुन , हमने बनायी है उस धुन में जो शब्द भरे वो , सच्चा कवि होगा भक्ति - भाव श्रृंगार हो चाहे , चाहे हो नवगीत साज़ नया , अंदाज़ नया हो , गीत,ग़ज़ल होगा अलग रागिनी,अलग ताल हो,सुर लय की बंदिश गूँजेंगे जब गीत सुरीले , रंग अलग होगा वीणा बंसी और मृदंग की,संगत जब होगी गीत सुरीला कानों मे,अमृत सा घु ला होगा कवि के शब्द सुरों में बंधकर,ता लबद्ध होंगे, भाव बहेंगें शब्द मिलेंगे,जादुइ असर होगा