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रवीश के बहाने उधड़ती पत्रकारीय परंपरा की बखिया - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-निरंजन परिहार सबसे पहले तो यह घोषणा कि रवीश कुमार के प्रति जितना प्रेम आपके मन में है उससे कुछ ज्यादा ही स्नेह अपन भी उनसे करते हैं। और जितनी घृणा आप करते होंगे, उससे कम - ज्यादा अपने मन के किसी कोने में भी शायद कहीं दबी पड़ी होगी।…