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कहो कौन्तेय-७०
विपिन किशोर सिन्हा (भीम के हाथों कर्ण की पराजय) भीम के रौद्ररूप के सम्मुख कौरव सेना का कोई महारथी टिक नहीं पा रहा था। विवश दुर्योधन अपने नेत्रों से अपनी सेना की दुर्दशा देख रहा था। आज भीम के सामने आने का अर्थ था - सीधे मृत्यु को निमन्त्रण देना।…