pravakta.com
कंगना के मन की पीड़ा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आहत है आज सारा संसार तेरी करतूतों से,पता लगेगा तुझको,जब स्वागत होगा जूतों से। वर्षों लग जाते है एक आशियाना बनाने में,तुझे चंद घंटे लगे मेरा आशियाना तुड़वाने में। क्या मिला तुझको एक नारी को करके बेदखल,पता लगे तुझको जब सत्ता से होगा तू बेदखल। बदले की भावना थी उसे…