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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-86 - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार आर्य   गीता का सत्रहवां अध्याय मनुष्य के पतन का कारण कामवासना होती है। बड़े-बड़े सन्त महात्मा और सम्राटों का आत्मिक पतन इसी कामवासना के कारण हो गया। जिसने काम को जीत लिया वह 'जगजीत' हो जाता है। सारा जग उसके चरणों में आ जाता है। ऐसे…