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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-14 - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार आर् गीता के दूसरे अध्याय का सार और संसार 'गीता' कहती है कि इस आत्मा को संसार का कोई शस्त्र छेद नहीं सकता। न इसको अग्नि जला सकती है, और न इसे पानी गला सकता है, इसे वायु सुखा नहीं सकती। अग्नि जला न पाएगा, शस्त्र करे नहीं…