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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-25 - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार आर्य   गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज गीता के इन श्लोकों में यह तथ्य स्पष्ट किया गया है कि संसार में जब अनिष्टकारी शक्तियों का प्राबल्य होता है तो उस अनिष्ट से लडऩे वाली शक्तियों का भी तभी प्राकट्य भी होता है। जब बढ़ता संसार…