pravakta.com
गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-29 - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार आर्य   गीता का चौथा अध्याय और विश्व समाज गीता में आगे गीताकार श्रीकृष्णजी के मुखारविन्द से कहलवाता है कि हे पार्थ! इस संसार में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आहार को सन्तुलित और नियमित करके अपने प्राणों से प्राणों में ही आहुति देेते हैं। (भारतवर्ष…