कर्ण पांच पाण्डव में नहीं था कोई एक पंच परमेश्वर - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
--विनय कुमार विनायककर्ण पांच पाण्डव में नहीं था कोई एक पंच परमेश्वर,कर्ण पांच पाण्डव के अंदर नहीं था कोई एक धनुर्धर,कर्ण की गिनती नहीं पहले या पाँचवें से आरंभ होती,पर कर्ण की उपस्थिति बाहर थी,हो सकती भीतर भी! कर्ण था अतिमहत्वाकांक्षी,पदलोलुप,योद्धा नहीं शालीन,येन-केन-प्रकारेण बिना उद्यम का राज्य किया हासिल,प्राप्त वैभव…