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व्यंग्य बाण : करूं क्या आस निरास भयी... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
विजय कुमार मुझे बड़ी आशा थी कि कम से कम इस बार तो दुनिया नष्ट हो ही जाएगी। कई दिन से समाचार पत्र छाप रहे थे कि माया कैलेंडर के अनुसार 21 दिसम्बर, 2012 पृथ्वी के जीवन का अंतिम दिन है। दूरदर्शन वाले भी यही कहानी सुना रहे थे; पर…