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काश, भारत को भी गांधी के शरीर में लिंकन मिल जाते - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. मयंक चतुर्वेदी ये काश आज भारत की उस त्रासदी से जुड़ा है, जो भारत विभाजन की विभीषिका का स्याह पन्ना है। भारत का विभाजन हुआ यह सभी ने देखा, कहा जाता है कि नीयति ही उस दिन की ऐसी थी, पहले से सब कुछ तय था । पटकथा लिखी…