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खुशिओं के दिन फिर आयेगे - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार सिंह मुसाफिर चलता जा, कोशिस करता जा, गम के बादल छट जायेगे, खुशिओं के दिन फिर आयेंगे ! मंजिल जब मिल जायेगी ! मेहनत से इतिहास बदल दो, दुनिया का आगाज बदल दो, लहू से अपने सींच धरा को, फिर से अपनी परवाज बदल दो, खुशिओं के दिन…