किस्सा कुर्सी का

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जब चुनाव सयुक्त रूप से लड़ा था,
फिर सत्ता में सयुक्त क्यों नही रहते हो ?
दोनों ही सी एम की कुर्सी के भूखे हो ,
फिर जनता को क्यों बेवकूफ़ बनाते हो ?

केवल किस्सा एक सी एम कुर्सी का है ,
दोनों ने महाराष्ट में महासंग्राम मचाया है |
अपनी आपनो ढपली लेकर तुमने,
दोनों ने बेसुरा अलाप ही गाया है ||

देश हित नहीं है खून में तुम्हारे,
तुम दोनों ही सत्ता के भूखे हो |
जनता का क्या हित तुम करोगे ?
जब आपस में दोनों तुम रूखे हो ||

अभी समय है तुम बदल जाओ,
वर्ना जनता तुमको बदल देगी |
अगले चुनाव में तुम दोनों को,
सत्ता से ही बे दखल कर देगी ||

सी एम की कुर्सी की चार टाँगे है,
फिफ्टी फिफ्टी चाहते हो तुम |
दो टांग की कुर्सी पर कैसे बैठोगे ?
जरा अक्ल से ये सोचो तुम ||

दोनों ही राष्टवादी बनते हो तुम,
राष्ट नही महाराष्ट में रहते तुम |
राष्ट भावना नहीं तुम्हारे मन में,
जब आपस में ही लड़ते हो तुम ||

लौट रहा है महाभारत का समय,  
फिर से तुम्हारे महाराष्ट राज्य में |
कौरव-पांडव की तरह लड़ रहे हो,
भाजपा शिव सेना इस महाराष्ट में ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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